National Service Scheme(NSS)
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NSS Activities : 2024-2025 |
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NSS Song


हिन्द देश के निवासी सभी
जन एक हैं,
रंग, रूप, वेश, भाषा चाहे अनेक हैं।
बेला, गुलाब, जूही, चंपा, चमेली,
प्यारे-प्यारे फूल गूंथे, माला में एक हैं।
कोयल की कूक न्यारी, पपीहे की टेर प्यारी,
गा रही तराना बुलबुल, राग मगर एक है।
गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा, कावेरी
जाके मिल गई सागर में हुई सब एक हैं
धर्म हैं अनेक जिनका, सार वही है,
पंथ हैं निराले, सबकी मंजिल तो एक है

लक्ष्य गीत – राष्ट्रीय सेवा योजना


उठे समाज के लिए उठे – उठे
जगें स्वराष्ट्र के लिए जगें- जगें
स्वयं सजें वसुन्धरा संवार दे- 2
हम उठे उठेगा जग हमारे संग साथियों
हम बढें तो सब बढेंगे अपने आप साथियों
जमीं पे आसमां को उतार दे – 2
स्वयं सजें वसुन्धरा संवार दे – 2
उदासिया को दूर कर ख़ुशी को बांटते चले
गांव और शहर की दूरियों को पाटते चले
ज्ञान को प्रचार दें प्रसार दें
स्वयं सजें वसुन्धरा संवार दे – 2
समर्थ बाल वृध्द और नारियां रहें सदा
हरे भरे वनो की शाल ओढती रहे धरा
तरक्कियो की एक नई कतार दें – 2
स्वयं सजें वसुन्धरा संवार दे – 2
ये जाति धर्म बोलियां बने न शूल राह की
बढाएं बेल प्रेम की अखंडता की चाह की
भावना से ये चमन निखार दे
सद्भावना से ये चमन निखार दे – 2
स्वयं सजें वसुन्धरा संवारा दे – 2
उठे समाज के लिए उठें- उठें
जगें स्वराष्ट्र के लिए जगें- जगें
स्वयं सजें वसुन्धरा संवार दे – 2
